पहले बहुत कुछ खोना पड़ता है!
बहुत मजबूत होने
के लिए..
के लिए..
पहले बहुत रोना पड़ता है!
बहुत वक्त तक
जागने के लिए…
जागने के लिए…
पहले बहुत सोना पड़ता है!
बहुत खुशियाँ
पाने के लिए…
पाने के लिए…
पहले बहुत कुछ बोना पड़ता है!
बहुत खिलखिला कर
हँसने के लिए…
हँसने के लिए…
पहले दर्द में खुद को डुबोना पड़ता
है!
है!
बहुत कुछ कमाने
के लिए…
के लिए…
पहले मेहनत का बोझ ढोना पड़ता है!
इन बातों को
समझने के लिए…
समझने के लिए…
खुद ही समझदार होना पड़ता है!
– तन्वी सिंह