यूँ हर दिन इस कदर ऐसे…..
हमसे अपनी मुलाकात न होने दो!!
हमें खामोश ही रहने दो तुम…..
हमसे खुद की इतनी बात न होने दो!!
कही हो न जाए हमें तुझसे मोहब्बत….
लफ़्जों से अपनी ऐसी बरसात न होने दो!!
हम तन्हा अच्छे है तन्हा ही रहने दो…..
बैठ कर साथ मेरे गहरी रात न होने दो!!
जिस एहसास को मैं कर न सकूँ बयां…
मेरे अंदर पनपने वो जज्बात न होने दो!!
यूँ ही हसीन है अपनी दुनिया ऐ हमदम…
मेरी जिंदगी को मोहब्बत की सौगात न होने दो!!