तेरे फोन का इंतजार मैं हर बार करती रही!
तुझसे मिलने की दुआ मैं बार-बार करती रही!!
वक्त और दिन का हमें मालूम न था..फिर भी!
तेरे पास आने की कल्पना लगातार करती रही!!
इल्म था हमें तुम्हारे कुछ अल्फा़ज़ झूठे भी है!
पर तुझपे ही हमेशाा मै ऐतबार करती रही!!
मेरे दिल को तेरे ही दिल की आदत लग गई थी!
इसलिए खुद को तेरे लिए ही बेकरार करती रही!!
मालूम नही तुझे अब मुझसे मोहब्बत है या नही!
पर आज भी तेरी ही यादों से मैं प्यार करती रही!!
Wow bahut khub